विद्युत चुंबकीय प्रेरण का सिद्धांत माइकल फैराडे के द्वारा दिया गया था
●विद्युत चुंबकीय प्रेरण......
जब किसी तार की कुंडली के पास चुंबक लाते हैं तो उसमें विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है।।
जिसके कारण तार में में विद्युत धारा बहने लगती है
पहले अरेस्टेड ने अपने प्रयोगों से किसी चुंबक पर विद्युत धारा का प्रभाव बताया था कि किसी तार इसमें धारा बह रही हो उसके पास कोई चुंबकीय सुई या ले जाने पर चुम्बकीय सुई विछेपित हो जाती है
इसी प्रकार माइकल फैराडे ने अपना एक्सपेरिमेंट किया और पता लगाया कि किसी कुंडलीत तार के पास कोई चुंबक ले जाने पर उसमें विद्युत धारा पैदा होती है इसी को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं
यह तब तक ही होता है जब तक चुंबक को पास या दूर ले कर के जा रहे होते है।। चुंबक को स्थिर रखने या उसकी गति रोकने पर कुछ नहीं होता है।। स्थिर चुंबक और स्थिर कुंडलीत तार में विद्युत चुंबकीय प्रेरण नहीं हो सकता है किसी एक को गति करनी पड़ेगा तभी विद्युत चुंबकीय प्रेरण संभव है ।। तथा फैराडे ने बताया कि
चुंबक पास लाने की स्पीड बढ़ा देने Emf बड़ने से प्रेरित धारा बढ़ जाती है और उस कुंडलीत तार से चुंबक दूर ले जाने की स्पीड भी बड़ा देने पर भी विद्युत धारा कमान बढ़ जाता है और चुंबक को उस कुंडलित तार के पास स्थिर रखने पर उस तार में कोई विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होता क्योंकि विद्युत धारा चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण होता है यदि यदि चुंबक को स्थिर रखेंगे तो फ्लक्स में परिवर्तन नहीं हो पाएगा इसलिए कोई विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होगी
"किसी चुंबक से निकलने वाली चुम्बकीय बल रेखाए को चुंबकीय फ्लक्स कहते है volt-second इसकी S.I unit webar होती है "
चुंबक को उस वायर के पास या दूर ले जाने धारा इसलिए generate होता है क्योंकि पास ले जाने पर भी चुंबकीय फ्लक्स चेंज होता है और दूर ले जाने पर भी चुंबकीय फ्लक्स चेंज होता है पर उस वायर में flow होने वाली धारा की दिशा बदल जाती है
यदि उस कुंडली में वायर के फेरे बड़ा देने पर और फिर से वही प्रक्रिया चुंबक को पास लाने की करने पर विद्युत धारा अधिक उत्पन्न होगी
●विद्युत चुंबकीय प्रेरण......
जब किसी तार की कुंडली के पास चुंबक लाते हैं तो उसमें विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है।।
जिसके कारण तार में में विद्युत धारा बहने लगती है
पहले अरेस्टेड ने अपने प्रयोगों से किसी चुंबक पर विद्युत धारा का प्रभाव बताया था कि किसी तार इसमें धारा बह रही हो उसके पास कोई चुंबकीय सुई या ले जाने पर चुम्बकीय सुई विछेपित हो जाती है
इसी प्रकार माइकल फैराडे ने अपना एक्सपेरिमेंट किया और पता लगाया कि किसी कुंडलीत तार के पास कोई चुंबक ले जाने पर उसमें विद्युत धारा पैदा होती है इसी को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं
यह तब तक ही होता है जब तक चुंबक को पास या दूर ले कर के जा रहे होते है।। चुंबक को स्थिर रखने या उसकी गति रोकने पर कुछ नहीं होता है।। स्थिर चुंबक और स्थिर कुंडलीत तार में विद्युत चुंबकीय प्रेरण नहीं हो सकता है किसी एक को गति करनी पड़ेगा तभी विद्युत चुंबकीय प्रेरण संभव है ।। तथा फैराडे ने बताया कि
चुंबक पास लाने की स्पीड बढ़ा देने Emf बड़ने से प्रेरित धारा बढ़ जाती है और उस कुंडलीत तार से चुंबक दूर ले जाने की स्पीड भी बड़ा देने पर भी विद्युत धारा कमान बढ़ जाता है और चुंबक को उस कुंडलित तार के पास स्थिर रखने पर उस तार में कोई विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होता क्योंकि विद्युत धारा चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण होता है यदि यदि चुंबक को स्थिर रखेंगे तो फ्लक्स में परिवर्तन नहीं हो पाएगा इसलिए कोई विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होगी
"किसी चुंबक से निकलने वाली चुम्बकीय बल रेखाए को चुंबकीय फ्लक्स कहते है volt-second इसकी S.I unit webar होती है "
चुंबक को उस वायर के पास या दूर ले जाने धारा इसलिए generate होता है क्योंकि पास ले जाने पर भी चुंबकीय फ्लक्स चेंज होता है और दूर ले जाने पर भी चुंबकीय फ्लक्स चेंज होता है पर उस वायर में flow होने वाली धारा की दिशा बदल जाती है
यदि उस कुंडली में वायर के फेरे बड़ा देने पर और फिर से वही प्रक्रिया चुंबक को पास लाने की करने पर विद्युत धारा अधिक उत्पन्न होगी
Electromagnetic Induction ( विद्युत चुंबकीय प्रेरण )
Reviewed by Hs sharma
on
October 27, 2017
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